कृषि विज्ञान केंद्र सोहना, सिद्धार्थनगर में इटवा तहसील के फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण और मृदा की गुणवत्ता पर पड़ने वाले नकरात्मक प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम की प्रमुख बातें
कृषि विज्ञान केंद्र के केंद्र अध्यक्ष और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि
अवशेष जलाना फसलों और मृदा के लिए हानिकारक है। उन्होंने किसानों से अपील की अवशेष जलाने से बचे, ताकि मृदा की सेहत बनी रहे और प्रदूषण भी न बढ़े।
इन सीटू-फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अन्र्गत
ब्लॉक स्तरीय जागरुकता कार्यक्रम
कृषि विज्ञान केन्द्र, सोहना, सिद्धार्थनगर
यूएन टेड फूमृदा में जैविक तत्वों की कमी
बढ़ेगी फफूंद जनक बीमारियां बीज वैज्ञानिक डा. सर्वजीत ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है। इससे मृदा में उपस्थित ट्राइकोडरमा जैसे सूक्ष्मजीवों की संख्या घटने लगती है, जिससे फफूंद जनक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है और फसलों का प्रबंधन करना कठिन हो जाता है।
अवशेष जलाना फसलों और मृदा के लिए हानिकारक है। उन्होंने किसानों से अपील की अवशेष जलाने से बचे, ताकि मृदा की सेहत बनी रहे और प्रदूषण भी न बढ़े।
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इन सीटू-फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अन्र्गत
ब्लॉक स्तरीय जागरुकता कार्यक्रम
कृषि विज्ञान केन्द्र, सोहना, सिद्धार्थनगर
यूएन टेड फू
मृदा में जैविक तत्वों की कमी
बढ़ेगी फफूंद जनक बीमारियां बीज वैज्ञानिक डा. सर्वजीत ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है। इससे मृदा में उपस्थित ट्राइकोडरमा जैसे सूक्ष्मजीवों की संख्या घटने लगती है, जिससे फफूंद जनक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है और फसलों का प्रबंधन करना कठिन हो जाता है।
कृषि यंत्रों से अवशेष प्रबंधन
डा. प्रवेश कुमार ने किसानों को हैपी सीडर, मल्चर, रोटावेटर, सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों से अवशेष प्रबंधन की सलाह दी। इन यंत्रों के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष के प्रबंधन में आसानी होगी और मृदा की सेहत भी बनी रहेगी।
किसानों को शपथ दिलाई गई
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित किसानों को फसल अवशेष न जलाने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थितिकार्यक्रम में कृषि विभाग के एडीओ पादप सुरक्षा वीरेंद्र कुमार मौर्य, पीपीएस मुकेश कुमार, नूरुद्दीन, राधे श्याम, जानकी, इरफान, दिल्ली, सरतुल्ला, विनय, जितेंद्र, हामिद, पहलू, रिजवान सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।